Table of Contents
- 1 1. हरे कृष्ण महा मंत्र
- 2 2. कृष्ण गायत्री मंत्र
- 3 3. Moola Mantra
- 4 4. श्री कृष्ण अष्टकम
- 5 5. गोविंदाष्टकम्
- 6 6. श्री कृष्ण शरणम ममः
- 7 7. श्री कृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम्
- 8 8. कृष्ण कवचम्
- 9 9.भगवद गीता श्लोक (अध्याय 4, श्लोक 7-8)
- 10 10. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- 11 11. श्री कृष्ण चालीसा
- 12 12. गोपाल मंत्र
- 12.1 हरे कृष्ण महा मंत्र का महत्व क्या है?
- 12.2 कृष्ण गायत्री मंत्र कैसे लाभकारी है?
- 12.3 “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” का क्या अर्थ है?
- 12.4 श्री कृष्ण अष्टकम का पाठ क्यों किया जाता है?
- 12.5 गोविन्दाष्टकम का क्या अर्थ है?
- 12.6 “श्री कृष्ण शरणं ममः” का क्या मतलब है?
- 12.7 श्री कृष्ण द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ क्यों किया जाता है?
- 12.8 कृष्ण कवचम कौन सी सुरक्षा प्रदान करता है?
- 12.9 भगवद गीता श्लोक (अध्याय 4, श्लोक 7-8) का सार क्या है?
- 12.10 “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का क्या महत्व है?
- 12.11 श्री कृष्ण चालीसा का पाठ क्यों किया जाता है?
- 12.12 गोपाला मंत्र क्या आह्वान करता है?
- 12.13 कृष्ण मंत्रों का पाठ करने से आध्यात्मिक अभ्यास में क्या लाभ होते हैं?
- 12.14 भगवान श्रीकृष्ण की आरती करने का उद्देश्य क्या है?
- 12.15 कोई कृष्ण मंत्रों और श्लोकों को दैनिक जीवन में कैसे शामिल कर सकता है?
1. हरे कृष्ण महा मंत्र
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण, हरे हरे,
हरे राम, हरे राम,
राम राम, हरे हरे।
Meaning:
यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के नामों का उच्चारण है। इसका अर्थ है कि हम भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम को स्मरण कर रहे हैं और उनकी कृपा की प्रार्थना कर रहे हैं।
2. कृष्ण गायत्री मंत्र
ॐ दामोदराय विद्महे,
रुक्मिणीवल्लभाय धीमहि,
तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात्।
Om Damodaray Vidmahe,
Rukmani Vallabhaya Dheemahe,
Tanno Krishna Prachodayat.
Meaning:
हम भगवान दामोदर को जानने का प्रयास करते हैं, रुक्मिणी के पति के रूप में ध्यान करते हैं। भगवान कृष्ण हमें प्रेरित करें।
3. Moola Mantra
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः।
Meaning:
मैं भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम करता हूँ।
4. श्री कृष्ण अष्टकम
वासुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम्।
देवकी परमानंदं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥
Meaning:
मैं भगवान श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ, जो वसुदेव के पुत्र हैं, कंस और चाणूर का संहार करने वाले हैं, और देवकी के परमानंद हैं।
5. गोविंदाष्टकम्
सत्यम् ज्ञानम् अनन्तम् नित्यम् आनन्दम् परम शिवम्।
गोविन्दम् तम् अहम् वन्दे भज गोविन्दम् भज गोविन्दम्॥
Meaning:
मैं सत्य, ज्ञान, अनंत, नित्य, आनंद और परम शिव स्वरूप गोविंद की वंदना करता हूँ। गोविंद का भजन करें।
6. श्री कृष्ण शरणम ममः
श्री कृष्ण शरणं ममः।
Meaning:
भगवान श्रीकृष्ण मेरी शरण हैं।
7. श्री कृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम्
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः॥
Meaning:
मैं भगवान कृष्ण, वासुदेव, हरि और परमात्मा को प्रणाम करता हूँ, जो भक्तों के कष्टों का नाश करने वाले हैं। गोविंद को नमस्कार।
8. कृष्ण कवचम्
ॐ कृष्णो रक्षतुनो जगत्रय गुरु: कृष्णं नमध्वं सदा।
कृष्णेणैव सुरासुर क्षपित: कृष्णाय तस्मै नमः।
कृष्णाद देव समुत्थितं जगदिदं कृष्णस्य दासोऽस्म्यहम्।
कृष्णे भक्तिभर: मुमुक्षु: अखिल: कृष्णात् न कश्चित परम्॥
Meaning:
भगवान कृष्ण हमें तीनों लोकों के गुरु के रूप में रक्षा करें। मैं हमेशा भगवान कृष्ण को नमस्कार करता हूँ। भगवान कृष्ण ने ही देवताओं और असुरों का नाश किया है। भगवान कृष्ण को प्रणाम। भगवान कृष्ण से ही यह संसार उत्पन्न हुआ है। मैं भगवान कृष्ण का दास हूँ। भगवान कृष्ण में मेरी भक्ति भारित हो, मोक्ष की इच्छा रखने वाले सभी के लिए भगवान कृष्ण से बढ़कर कोई नहीं है।
9.भगवद गीता श्लोक (अध्याय 4, श्लोक 7-8)
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥
Meaning:
हे भारत, जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं स्वयं को प्रकट करता हूँ।
साधुओं की रक्षा, दुष्टों का विनाश और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में अवतरित होता हूँ।
10. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
Meaning:
भगवान वासुदेव को मेरा नमस्कार।
11. श्री कृष्ण चालीसा
जय श्री कृष्ण चन्द्र भगवान, जय जय गोपी जन प्रिय काना।
यशोमती नन्दन, ब्रज जन रंजन, कंस निशूदन, वासुदेव देवकी नन्दन।
Meaning:
श्री कृष्ण चन्द्र भगवान की जय हो, गोपियों के प्रिय कान्हा की जय हो।
यशोदा के पुत्र, ब्रजवासियों के आनंद, कंस का वध करने वाले, वासुदेव और देवकी के पुत्र की जय हो।
12. गोपाल मंत्र
गोपीजन वल्लभाय स्वाहा।
Meaning:
गोपी जन के प्रिय श्रीकृष्ण को मेरा प्रणाम।
उपरोक्त श्री कृष्ण श्लोकों और मंत्रों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
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हरे कृष्ण महा मंत्र का महत्व क्या है?
हरे कृष्ण महा मंत्र भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के नामों का उच्चारण है। यह शांति, आध्यात्मिक ज्ञान और दिव्य के साथ संबंध लाने वाला माना जाता है।
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कृष्ण गायत्री मंत्र कैसे लाभकारी है?
कृष्ण गायत्री मंत्र भगवान श्रीकृष्ण की कृपा को बुलाने में सहायक है, जो भक्त को स्पष्टता, शांति और दिव्य प्रेरणा प्रदान करता है।
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“ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” का क्या अर्थ है?
“ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” का अर्थ है “मैं भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम करता हूँ।” यह भक्ति और समर्पण का एक सरल लेकिन शक्तिशाली मंत्र है।
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श्री कृष्ण अष्टकम का पाठ क्यों किया जाता है?
श्री कृष्ण अष्टकम का पाठ भगवान श्रीकृष्ण का सम्मान करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह उनके दिव्य गुणों और लीलाओं की प्रशंसा करता है।
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गोविन्दाष्टकम का क्या अर्थ है?
गोविन्दाष्टकम भगवान गोविंद (कृष्ण) की स्तुति करता है जो सत्य, ज्ञान, अनंत, नित्य, आनंद और परम मंगलमयता के रूप में हैं।
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“श्री कृष्ण शरणं ममः” का क्या मतलब है?
“श्री कृष्ण शरणं ममः” का मतलब है कि भगवान श्रीकृष्ण मेरी शरण हैं, यह दिव्य के प्रति पूर्ण समर्पण को व्यक्त करता है।
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श्री कृष्ण द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ क्यों किया जाता है?
श्री कृष्ण द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ भगवान श्रीकृष्ण के बारह नामों का सम्मान करने के लिए किया जाता है, उनकी रक्षा और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हुए।
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कृष्ण कवचम कौन सी सुरक्षा प्रदान करता है?
कृष्ण कवचम भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति का आह्वान करके नकारात्मक प्रभावों, दुर्भाग्यों और बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
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भगवद गीता श्लोक (अध्याय 4, श्लोक 7-8) का सार क्या है?
इस श्लोक का सार यह है कि जब भी धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, भगवान श्रीकृष्ण धर्म की स्थापना के लिए, सज्जनों की रक्षा के लिए, और दुष्टों के विनाश के लिए अवतरित होते हैं।
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“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का क्या महत्व है?
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” एक शक्तिशाली मंत्र है जो भक्ति, समर्पण और भगवान वासुदेव (कृष्ण) की उपस्थिति और आशीर्वाद को बुलाने के लिए है।
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श्री कृष्ण चालीसा का पाठ क्यों किया जाता है?
श्री कृष्ण चालीसा का पाठ भगवान श्रीकृष्ण की प्रशंसा करने, उनके दिव्य कार्यों का स्मरण करने और उनकी कृपा और सुरक्षा की प्रार्थना करने के लिए किया जाता है।
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गोपाला मंत्र क्या आह्वान करता है?
गोपाला मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को गोपियों के प्रिय के रूप में आह्वान करता है, उनके प्रेम और सुरक्षा की प्रार्थना करता है।
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कृष्ण मंत्रों का पाठ करने से आध्यात्मिक अभ्यास में क्या लाभ होते हैं?
कृष्ण मंत्रों का पाठ करने से मन की शुद्धि होती है, एकाग्रता विकसित होती है, दिव्य कृपा का आह्वान होता है, और भगवान श्रीकृष्ण के साथ आध्यात्मिक संबंध गहरा होता है।
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भगवान श्रीकृष्ण की आरती करने का उद्देश्य क्या है?
भगवान श्रीकृष्ण की आरती करना उपासना और भक्ति का कार्य है। यह देवता को प्रकाश अर्पित करने का प्रतीक है, जो अंधकार (अज्ञानता) को दूर कर दिव्य प्रकाश (ज्ञान) का स्वागत करता है।
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कोई कृष्ण मंत्रों और श्लोकों को दैनिक जीवन में कैसे शामिल कर सकता है?
कोई कृष्ण मंत्रों और श्लोकों को सुबह और शाम की प्रार्थना के दौरान पाठ करके, उन पर ध्यान केंद्रित करके, दिन भर उनका जाप करके, और उनके अर्थ और शिक्षाओं पर विचार करके दैनिक जीवन में शामिल कर सकता है।