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दीवाली के दौरान घर पर लक्ष्मी पूजा विधि कैसे करें

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Table of Contents

दीवाली पर की जाने वाली लक्ष्मी पूजा देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद, धन, समृद्धि और खुशहाली को आमंत्रित करने का पवित्र अनुष्ठान है। पूजा में घर की सफाई, रंगोली सजाना, दीपक जलाना, मंत्र पढ़ना और आरती करना शामिल है, जिसकी शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है। लक्ष्मी पूजा विधि का पालन करने से घर में आध्यात्मिक विकास, सामंजस्य और समृद्धि आती है।

दीवाली, रोशनी का त्योहार, लक्ष्मी पूजा किए बिना अधूरी है — यह एक पवित्र अनुष्ठान है जो धन, समृद्धि और प्रचुरता की देवी, माता लक्ष्मी को समर्पित है। भारत के हर घर में दीये जलाए जाते हैं, प्रवेश द्वार को रंगोली से सजाया जाता है और घर पर लक्ष्मी पूजा विधि की जाती है ताकि आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा आमंत्रित की जा सके।

इस विस्तृत मार्गदर्शिका में, आप तैयारी से लेकर समापन आरती तक पूरी लक्ष्मी पूजा विधि सीखेंगे और हर चरण के पीछे के आध्यात्मिक महत्व को समझेंगे।

मुख्य बातें

पहलूविवरण
अवसरदीवाली की रात (कार्तिक मास की अमावस्या) को किया जाता है
पूजित देवतामाता लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान कुबेर और भगवान विष्णु
मुख्य उद्देश्यघर में धन, समृद्धि और सुख-शांति लाना
मुख्य अनुष्ठानघर की सफाई करना, पूजा स्थल तैयार करना, दीये जलाना, मंत्र जाप करना और आरती करना
समय अवधिसामान्यतः 1–2 घंटे
सर्वोत्तम समय (मुहूर्त)प्रदोष काल की संध्या समय (सूर्यास्त के बाद)

हम दिवाली के दौरान लक्ष्मी पूजा क्यों मनाते हैं?

लक्ष्मी पूजा विधि

लक्ष्मी पूजा दिवाली के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी उन घरों में आती हैं जो स्वच्छ, अच्छे से रोशन और भक्ति से भरे होते हैं। घर पर लक्ष्मी पूजा विधि करने का अर्थ उनकी दिव्य उपस्थिति को आमंत्रित करना है, जिससे पूरे वर्ष घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान, माता लक्ष्मी कार्तिक मास की अमावस्या के दिन समुद्र से प्रकट हुईं। इसलिए भक्त दिवाली की रात उनका पूजन करके और बड़े श्रद्धा भाव से लक्ष्मी पूजा विधि का पालन करके यह उत्सव मनाते हैं।

पूजा शुरू करने से पहले, भक्त बाधाओं को दूर करने ;-वाले श्री गणेश की भी पूजा करते हैं और शक्ति और दिव्य सुरक्षा का प्रतीक देवी दुर्गा माता को प्रार्थना अर्पित करते हैं, ताकि घर में सकारात्मकता और शक्ति बनी रहे।

घर पर लक्ष्मी पूजा विधि से पहले की तैयारियाँ

सही तैयारी शुभ लक्ष्मी पूजा के लिए आध्यात्मिक वातावरण तैयार करती है। इसे शुरू करने का तरीका इस प्रकार है:

अपने घर को अच्छी तरह साफ करें: माना जाता है कि माता लक्ष्मी उन स्थानों में निवास करती हैं जो स्वच्छ और व्यवस्थित होते हैं। पूजा से पहले घर को अव्यवस्था से मुक्त करें और शुद्ध करें।

रंगोली से सजावट करें: प्रवेश द्वार और पूजा स्थल के आसपास सुंदर रंगोली बनाएं। माता लक्ष्मी के पदचिन्ह पूजा स्थल तक प्रवेश द्वार से खींचें।

दीये और लालटेन जलाएं: हर कोने को दीयों या मोमबत्तियों से रोशन करें ताकि अंधकार दूर हो और सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो।

पुजा स्थल तैयार करें: लाल या पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाकर एक स्थान तैयार करें। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ या चित्र एक साथ रखें।

पूजा सामग्री व्यवस्थित करें: घर पर लक्ष्मी पूजा विधि के लिए सभी आवश्यक सामग्री तैयार रखें।

आवश्यक पूजा सामग्री सूची

पूजा सामग्रीउद्देश्य
माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ या चित्रमुख्य देवता जिनकी पूजा की जाती है
कलश (पानी, आम के पत्ते और नारियल से भरा)शुद्धता और जीवन का प्रतीक
लाल या पीला कपड़ापूजा स्थल को ढकने के लिए
दीया और अगरबत्तीदिव्य वातावरण बनाने के लिए
फूल और मालापूजा स्थल सजाने के लिए
सिक्के या नोटधन का प्रतीकात्मक अर्पण
मिठाई, फल और सूखे मेवेभोग/प्रसाद के लिए
चावल, हल्दी, कुमकुम, चंदन का लेपतिलक और पूजा के लिए
पंचामृत (दूध, शहद, दही, घी, चीनी)शुद्धिकरण अनुष्ठान के लिए

घर पर चरण-दर-चरण लक्ष्मी पूजा विधि

लक्ष्मी पूजा विधि

इस आसान चरण-दर-चरण लक्ष्मी पूजा विधि का पालन करें ताकि दिवाली का उत्सव पूर्ण और सुखद हो:

चरण 1: स्थान को शुद्ध करें

पूरे घर और पूजा स्थल पर गंगा जल छिड़कें।

अगरबत्ती और दीपक जलाकर एक शांत और पवित्र वातावरण बनाएं।

चरण 2: भगवान गणेश का आवाहन करें

हमेशा लक्ष्मी पूजा की शुरुआत बाधा निवारक भगवान गणेश की पूजा और प्रार्थना से करें।

फूल, चावल, मिठाई अर्पित करें और जप करें:
“ॐ गण गणपतये नमः”

चरण 3: माता लक्ष्मी का आवाहन करें

लक्ष्मी मंत्रों का जप करें और उन्हें अपने घर आमंत्रित करें:
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”

फूल, चावल, कुमकुम अर्पित करें और मूर्ति के सामने सिक्के या नोट रखें।

चरण 4: कलश स्थापना करें

पानी से भरा कलश रखें और ऊपर नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर रखें।

इसे आम के पत्तों से सजाएं और हल्दी व कुमकुम के चिन्ह लगाएं।

चरण 5: प्रार्थना और मिठाई अर्पित करें

माता लक्ष्मी को मिठाई, फल और सूखे मेवे अर्पित करें।

घर के चारों ओर दीपक और लैंप जलाएं।

चरण 6: मुख्य लक्ष्मी पूजा विधि करें

देवताओं को तिलक लगाएं।

कमल के फूल, चावल के दाने अर्पित करें और गुलाब जल छिड़कें।

लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें या माता लक्ष्मी के 108 नामों का जप करें।

चरण 7: खाता-बही और व्यापारिक वस्तुओं की पूजा

व्यवसायियों के लिए, खातों, व्यापार फ़ाइलों या लैपटॉप की पूजा करें।

यह आने वाले वर्ष में कार्य में सौभाग्य और सफलता का प्रतीक है।

चरण 8: आरती और भजन

श्रद्धा भाव से लक्ष्मी आरती गाएं और घंटी बजाकर घर पर लक्ष्मी पूजा विधि का समापन करें।

लक्ष्मी आरती (पारंपरिक संस्करण)

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवता, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा, राम, ब्रह्मणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावता, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावता, रिद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनी, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिना यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खाना-पाना का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जात।
रत्न चतुर्दश तुम बिना, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जाना गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतरा जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

श्रद्धा और भक्ति के साथ इस आरती का गायन करें ताकि देवी का आशीर्वाद प्राप्त हो। आरती के बाद, प्रसाद परिवार के सदस्यों और मेहमानों में वितरित करें।

घर पर लक्ष्मी पूजा विधि करने का महत्व

लक्ष्मी पूजा विधि का गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है:

  • समृद्धि को आमंत्रित करता है:
    लक्ष्मी पूजा करने से वित्तीय स्थिरता और कल्याण सुनिश्चित होता है।
  • नकारात्मकता दूर करता है:
    दीये जलाना और मंत्रों का जाप आपके परिवेश को शुद्ध करता है।
  • सामंजस्य बढ़ाता है:
    संपूर्ण परिवार की सामूहिक पूजा एकता, विश्वास और सकारात्मकता को बढ़ाती है।
  • नवीनता का प्रतीक:
    दिवाली एक नई शुरुआत का प्रतीक है, और घर पर लक्ष्मी पूजा विधि जीवन को दिव्य ऊर्जा के साथ संरेखित करने में मदद करती है।

दीवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए उचित समय (मुहूर्त)

हिंदू पंचांग के अनुसार, घर पर लक्ष्मी पूजा विधि के लिए सबसे शुभ समय प्रदोष काल के दौरान होता है — सूर्यास्त के लगभग 1.5 घंटे बाद। इसे माता लक्ष्मी के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आदर्श समय माना जाता है।

वर्षतिथिशुभ मुहूर्त (IST)
202520 अक्टूबरशाम 06:10 बजे से 08:15 बजे तक

(नोट: मुहूर्त समय प्रत्येक वर्ष बदलता रहता है; सटीक समय के लिए अपने स्थानीय पंचांग की जाँच करें।)

पूजा के बाद के अनुष्ठान

लक्ष्मी पूजा विधि पूरी करने के बाद इन चरणों का पालन करें:

प्रसाद वितरित करें:
मिठाई और फल सभी में बाँटें।

शुभकामनाएँ साझा करें:
दोस्तों और परिवार को शुभकामनाएँ देकर दिवाली मनाएँ।

पूरी रात दीये जलाएँ:
कम से कम एक दीया पूरी रात जलता रहे ताकि दिव्य प्रकाश की निरंतर उपस्थिति का प्रतीक बने।

लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें:
शांति और सकारात्मकता के लिए मंत्रों का जाप जारी रखें या लक्ष्मी स्तोत्र सुनें।

घर पर शांत और शक्तिशाली लक्ष्मी पूजा विधि के लिए सुझाव

  • दिवाली के दिन विवाद या नकारात्मकता से बचें।
  • शुद्ध ऊर्जा के लिए गाय के घी के दीये प्रयोग करें।
  • मूर्ति को पूर्व दिशा की ओर रखें और खुद उत्तर की ओर बैठें।
  • पूजा के बाद मुख्य द्वार कुछ मिनटों के लिए खोलें — ऐसा माना जाता है कि इस समय माता लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं।
  • पूर्व आशीर्वादों के लिए देवी को धन्यवाद अर्पित करें।

लक्ष्मी पूजा विधि का आध्यात्मिक महत्व

लक्ष्मी पूजा विधि केवल अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है — यह भौतिक धन और आध्यात्मिक विकास के बीच संतुलन की याद दिलाती है। माता लक्ष्मी अपने भक्तों को धन और धर्म दोनों का आशीर्वाद देती हैं। घर पर लक्ष्मी पूजा विधि करने से भक्त समृद्धि, विनम्रता और कृतज्ञता के साथ अपने जीवन को दिव्य ऊर्जा के अनुरूप संरेखित कर लेते हैं।

निष्कर्ष

दीवाली के दौरान घर पर लक्ष्मी पूजा विधि करने से दिव्य आशीर्वाद, सफलता और शांति प्राप्त होती है। प्रत्येक जलाया गया दीया और प्रत्येक जाप किया गया मंत्र समृद्धि और आध्यात्मिक पूर्णता के दरवाजे खोलता है। इस दिवाली, केवल रोशनी और मिठाइयों से नहीं, बल्कि अपने पूरे मन और भक्ति के साथ लक्ष्मी पूजा मनाएँ।

माता लक्ष्मी आपके घर को धन, स्वास्थ्य और अनंत खुशी से परिपूर्ण करें।

अंतिम विचार

“जहाँ स्वच्छता, भक्ति और सत्य हैं, वहाँ माता लक्ष्मी वास करती हैं।”
लक्ष्मी पूजा विधि को प्रेम और सच्चाई के साथ करें — और देखें कि आपका जीवन दिवाली के दीयों की तरह चमक उठे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. लक्ष्मी पूजा क्या है और इसे दिवाली पर क्यों किया जाता है?

    लक्ष्मी पूजा एक पवित्र हिंदू अनुष्ठान है जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माता लक्ष्मी को सम्मानित करने के लिए किया जाता है। इसे दिवाली पर घरों में आशीर्वाद आमंत्रित करने के लिए किया जाता है। घर पर लक्ष्मी पूजा विधि अंधकार और नकारात्मकता को दूर करने और समृद्धि व सामंजस्य आकर्षित करने का प्रतीक है।

  2. दिवाली पर घर पर लक्ष्मी पूजा विधि कब करनी चाहिए?

    घर पर लक्ष्मी पूजा विधि प्रदोष काल के दौरान करनी चाहिए, जो दिवाली की शाम सूर्यास्त के लगभग 1.5 घंटे बाद शुरू होता है। इसे माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शुभ समय माना जाता है।

  3. घर पर लक्ष्मी पूजा विधि के लिए कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?

    लक्ष्मी पूजा विधि के लिए आवश्यक सामग्री में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ या चित्र, जल से भरा कलश, दीये, अगरबत्ती, फूल, मिठाई, चावल, हल्दी, कुमकुम, और धन या आभूषण शामिल हैं।

  4. लक्ष्मी पूजा से पहले घर कैसे तैयार करें?

    लक्ष्मी पूजा करने से पहले घर को अच्छी तरह साफ और सजाएँ। दीये जलाएँ, प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाएं, और माता लक्ष्मी के पदचिन्ह बनाएं ताकि उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद का प्रतीक बने।

  5. लक्ष्मी पूजा विधि का पहला चरण क्या है?

    लक्ष्मी पूजा विधि का पहला चरण घर और पूजा स्थल को पवित्र जल (गंगा जल) से शुद्ध करना, दीये और अगरबत्ती जलाना, और फिर बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करना है, उसके बाद माता लक्ष्मी का आवाहन करें।

  6. लक्ष्मी पूजा के दौरान कौन-कौन से मंत्र जपे जाते हैं?

    लक्ष्मी पूजा विधि के दौरान भक्त “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” जैसे पवित्र मंत्रों का जाप करते हैं और लक्ष्मी चालीसा या माता लक्ष्मी के 108 नामों का पाठ करते हैं।

  7. पूजा के दौरान माता लक्ष्मी को क्या अर्पित करें?

    लक्ष्मी पूजा में कमल के फूल, चावल, मिठाई, फल, सिक्के और दीये अर्पित करें। आप पंचामृत और पारंपरिक मिठाइयाँ जैसे खीर, लड्डू या हलवा भी प्रसाद के रूप में अर्पित कर सकते हैं।

  8. लक्ष्मी पूजा में भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है?

    भगवान गणेश हर लक्ष्मी पूजा विधि में पहले पूजे जाते हैं क्योंकि वे बाधा निवारक हैं। उनके आशीर्वाद से पूजा सुचारू रूप से संपन्न होती है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद दीर्घकालिक सफलता और सुख सुनिश्चित करता है।

  9. लक्ष्मी पूजा के दौरान मूर्तियों का सामना किस दिशा में होना चाहिए?

    घर पर लक्ष्मी पूजा विधि में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ या चित्र पूर्व दिशा की ओर रखें, जबकि आप उत्तर की ओर बैठें। यह दिशा पूजा के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।

  10. लक्ष्मी पूजा पूरी करने के बाद क्या करें?

    लक्ष्मी पूजा विधि पूरी करने के बाद प्रसाद परिवार के सदस्यों और मेहमानों में वितरित करें, घर के चारों ओर दीये जलाएँ, और कम से कम एक दीया पूरी रात जलता रहे ताकि दिव्य प्रकाश की निरंतर उपस्थिति का प्रतीक बने।

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