Table of Contents
- 1 श्री कृष्ण भगवान की आरती | Shri Krishna Aarti in Hindi
- 2 श्री कृष्ण भगवान की आरती करने के लाभ में शामिल हैं:
- 3 देखें श्री कृष्ण भगवान आरती | श्री कृष्ण भगवान आरती सुनें
- 3.1 श्री हनुमान की आरती हिंदी में
- 3.2 Aarti Hanuman Ji Ki in English
- 3.3 श्री कृष्ण भगवान आरती हिंदी में
- 3.4 श्री गणेश आरती हिंदी में
- 3.5 Ganesha Aarti in English| Ganesh Aarti
- 3.6 आरती गणरायाची | Ganpati Aarti in Marathi
- 3.7 कृष्ण भगवान की आरती क्या है?
- 3.8 कृष्ण भगवान की आरती कब की जाती है?
- 3.9 कृष्ण भगवान की आरती करने के क्या लाभ हैं?
- 3.10 कृष्ण भगवान की आरती कैसे की जाती है?
- 3.11 कृष्ण भगवान की आरती के दौरान क्या चढ़ाया जाना चाहिए?
- 3.12 क्या श्रीकृष्ण आरती घर पर की जा सकती है?
- 3.13 कृष्ण भगवान की आरती के मुख्य तत्व क्या हैं?
- 3.14 श्री कृष्ण भगवान की आरती करने का कोई विशेष समय है क्या?
- 3.15 श्री कृष्ण भगवान की आरती के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?
- 3.16 क्या कोई भी श्रीकृष्ण आरती कर सकता है?
यह ब्लॉग श्री कृष्ण भगवान की आरती के आध्यात्मिक महत्व, जन्माष्टमी पर इसकी भूमिका, और इसे करने से मिलने वाली शांति, आशीर्वाद व समृद्धि को समझाता है।
श्री कृष्ण भगवान की आरती | Shri Krishna Aarti in Hindi
इस वर्ष, कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार, 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व रखता है। जन्माष्टमी के अवसर पर लोग लड्डू गोपाल को विभिन्न तरीकों से खुश करने का प्रयास करते हैं।
कुछ लोग इस दिन निर्जला उपवास रखते हैं, जबकि कुछ श्री कृष्ण के नाम की माला जपते हैं। कई भक्त भगवान को छप्पन प्रकार की भेंट अर्पित करते हैं। साथ ही, जन्माष्टमी के दिन कान्हा को खुश करने का सबसे सरल तरीका यह है कि श्री कृष्ण की पूजा के बाद श्री कृष्ण आरती का आयोजन किया जाए।
इस दिन भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री और पंचामृत अर्पित किया जाना चाहिए और कुंज बिहारी की श्री कृष्ण आरती की जानी चाहिए। ऐसा करने से भगवान श्री कृष्ण निश्चित रूप से प्रसन्न होते हैं।
श्री कृष्ण भगवान की आरती करने से व्यक्ति को भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण आरती करने से भगवान श्री कृष्ण के विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। इसलिए, इस शुभ अवसर पर श्री कृष्ण आरती अवश्य की जानी चाहिए।
श्री कृष्ण भगवान की आरती
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक
चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की…॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग ग्वालिन संग।
अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस।
जटा के बीच,हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ ॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद।
टेर सुन दीन दुखारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

श्री कृष्ण भगवान की आरती करने के लाभ में शामिल हैं:
श्री कृष्ण भगवान की आरती करने से कई आध्यात्मिक, मानसिक और भावनात्मक लाभ प्राप्त होने का विश्वास है। यहाँ इस अभ्यास से जुड़े कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
1. आध्यात्मिक उत्थान:
- भक्ति को बढ़ाता है और भगवान कृष्ण के साथ संबंध को मजबूत करता है।
- आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है और आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
2. मानसिक शांति:
- मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है और तनाव कम करता है।
- मन को शांत करने में मदद करता है और सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देता है।
3. भावनात्मक संतुलन:
- प्रेम, करुणा और विनम्रता की भावनाओं को बढ़ावा देता है।
- क्रोध, ईर्ष्या और घृणा जैसी नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में मदद करता है।
4. सकारात्मक ऊर्जा:
- घर में सकारात्मक और पवित्र वातावरण बनाता है।
- दिव्य आशीर्वाद को बुलाता है और आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है।
5. भक्ति और विश्वास को मजबूत करना:
- दिव्य शक्ति में विश्वास और भरोसा को बढ़ाता है।
- भगवान की इच्छा में समर्पण को प्रोत्साहित करता है, जिससे संतोष और स्वीकृति की भावना आती है।
6. अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण:
- आरती गाने या सुनने से सुखद प्रभाव पड़ता है, जो समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार कर सकता है।
- जप से उत्पन्न ऊर्जा शरीर और मन पर उपचारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
7. सांस्कृतिक और पारंपरिक संबंध:
- सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को संरक्षित करने और आगे पहुंचाने में मदद करता है।
- हिंदू धर्म की समृद्ध विरासत को समझने और उससे जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
8. भक्तिपूर्ण अभ्यास:
- नियमित भक्तिपूर्ण अभ्यास और अनुशासन को बढ़ावा देता है।
- परिवार या समूह में किया जाए तो सामुदायिक भावना को बढ़ाता है।
9. नैतिक और आचार संबंधी मार्गदर्शन:
- आरती में परिलक्षित भगवान कृष्ण की शिक्षाएँ व्यक्तियों को धार्मिक और नैतिक जीवन की ओर मार्गदर्शन कर सकती हैं।
- व्यक्तियों को सदाचार और ईमानदारी के जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं।
नियमित रूप से कृष्ण भगवान की आरती करने से भक्त अक्सर अपने आप को अधिक स्थिर, शांत और अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों के साथ सामंजस्यपूर्ण पाते हैं।
देखें श्री कृष्ण भगवान आरती | श्री कृष्ण भगवान आरती सुनें

यहाँ हनुमान आरती के बारे में 15 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) हिंदी में दिए गए हैं:
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कृष्ण भगवान की आरती क्या है?
कृष्ण भगवान की आरती एक भक्तिमय भजन है जिसे भगवान कृष्ण की स्तुति में गाया जाता है। यह पूजा के दौरान किया जाता है ताकि देवता का सम्मान किया जा सके और उनके आशीर्वाद प्राप्त किए जा सकें।
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कृष्ण भगवान की आरती कब की जाती है?
कृष्ण भगवान की आरती आमतौर पर कृष्ण जन्माष्टमी पर, प्रतिदिन कृष्ण मंदिरों में और भगवान कृष्ण को समर्पित विशेष अवसरों पर की जाती है।
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कृष्ण भगवान की आरती करने के क्या लाभ हैं?
श्रीकृष्ण आरती करने से आध्यात्मिक उत्थान, मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होने की मान्यता है। यह भगवान कृष्ण के साथ गहरा संबंध स्थापित करने में सहायक है।
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कृष्ण भगवान की आरती कैसे की जाती है?
श्रीकृष्ण आरती एक दीपक (आरती) को भगवान कृष्ण की प्रतिमा या मूर्ति के सामने घुमाकर की जाती है, जबकि आरती का भजन गाया या पढ़ा जाता है। इसमें अक्सर घंटियों की ध्वनि और शंखनाद भी शामिल होता है।
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कृष्ण भगवान की आरती के दौरान क्या चढ़ाया जाना चाहिए?
श्रीकृष्ण आरती के दौरान फूल, फल, धूप और दीपक चढ़ाए जाते हैं। पारंपरिक चढ़ावे में मक्खन और दूध से बने मिष्ठान भी शामिल हो सकते हैं।
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क्या श्रीकृष्ण आरती घर पर की जा सकती है?
हाँ, कृष्ण भगवान की आरती घर पर व्यक्तिगत या पारिवारिक पूजा के हिस्से के रूप में की जा सकती है। भक्तजन इसे दैनिक प्रार्थनाओं या विशेष अवसरों पर करना आम मानते हैं।
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कृष्ण भगवान की आरती के मुख्य तत्व क्या हैं?
मुख्य तत्वों में आरती का गीत या भजन, दीपक (अक्सर पीतल या चांदी का बना हुआ), और फूल एवं धूप जैसे चढ़ावे शामिल होते हैं। इस अनुष्ठान में आमतौर पर गान, घंटियाँ बजाना और दीपक घुमाना शामिल होता है।
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श्री कृष्ण भगवान की आरती करने का कोई विशेष समय है क्या?
हालाँकि कोई सख्त समय निर्धारित नहीं है, परंपरागत रूप से यह प्रातःकाल (सूर्योदय से पहले) या संध्या (सूर्यास्त के बाद) की जाती है। यह विशेष पर्वों और शुभ अवसरों पर भी की जाती है।
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श्री कृष्ण भगवान की आरती के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?
विभिन्न प्रकारों में प्रातःकाल की आरती (मंगला आरती), दोपहर की आरती (राजभोग आरती), और संध्या की आरती (संध्या आरती) शामिल हैं। प्रत्येक आरती का अपना भजन और महत्व है।
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क्या कोई भी श्रीकृष्ण आरती कर सकता है?
हाँ, कोई भी व्यक्ति कृष्ण भगवान की आरती कर सकता है, चाहे उसका पृष्ठभूमि या धार्मिक पहचान कुछ भी हो। यह भक्ति और सम्मान का अभ्यास है, जो उन सभी भक्तों के लिए खुला है जो भगवान कृष्ण का आदर करना चाहते हैं।
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