भगवान गणेश की आरती करने से बाधाएँ दूर होती हैं, ज्ञान और बुद्धि बढ़ती है, समृद्धि, शांति और स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यह सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है, भक्ति को मजबूत करती है, इच्छाओं की पूर्ति करती है, संतान सुख देती है और पापों का शुद्धिकरण कर भक्त को धर्ममय जीवन की ओर ले जाती है।
गणेश आरती के लाभ:
- विघ्नों का नाश: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनकी आरती करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न और बाधाओं का नाश होता है।
- बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि: गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। उनकी आरती करने से मनुष्य की बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- समृद्धि और सुख-समृद्धि: गणेश जी की आरती करने से धन-धान्य, समृद्धि और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
- मानसिक शांति: गणेश आरती करने से मन को शांति और सुकून मिलता है। यह मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होती है।
- भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि: गणेश आरती करने से भक्त के मन में भक्ति और श्रद्धा की भावना प्रबल होती है, जिससे भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण बढ़ता है।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: नियमित रूप से गणेश जी की आरती करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: गणेश जी की आरती करने से घर और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो सभी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
- संतान प्राप्ति: जो लोग संतान सुख की कामना करते हैं, उनके लिए गणेश जी की आरती विशेष रूप से लाभकारी होती है।
- सभी इच्छाओं की पूर्ति: गणेश जी की आरती करने से भक्त की सभी इच्छाओं और कामनाओं की पूर्ति होती है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: गणेश जी की आरती करने से हमारे बुरे कर्मों का शुद्धिकरण होता है और हम पवित्र और सदाचारी जीवन की ओर अग्रसर होते हैं।
जय गणेश आरती के बोल | Ganesha Aarti in Hindi | Shri Ganesh Aarti in Hindi
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
—– Additional —–
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश आरती के बोल और उसका अर्थ
जय गणेश जय गणेश
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अर्थ: जय हो गणेश जी, जय हो! आप देवों के देवता हैं। आपकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
अर्थ: आप एक दंत वाले, दयालु और चार भुजाओं वाले हैं। आपके माथे पर सिंदूर शोभा देता है और आप मूषक पर सवार होते हैं।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अर्थ: जय हो गणेश जी, जय हो! आप देवों के देवता हैं। आपकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
अर्थ: आपको पान, फल और मेवा चढ़ाए जाते हैं। लड्डुओं का भोग लगाया जाता है और संत आपकी सेवा करते हैं।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अर्थ: जय हो गणेश जी, जय हो! आप देवों के देवता हैं। आपकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
अर्थ: आप अंधों को आंखें, कोढ़ियों को स्वस्थ शरीर, बांझ स्त्रियों को पुत्र और निर्धनों को धन देते हैं।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अर्थ: जय हो गणेश जी, जय हो! आप देवों के देवता हैं। आपकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अर्थ: ‘सूर’ श्याम आपकी शरण में आए हैं, उनकी सेवा को सफल करें। आपकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अर्थ: जय हो गणेश जी, जय हो! आप देवों के देवता हैं। आपकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।
Additional Verses
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
अर्थ: आप दीन-दुखियों की लाज रखते हैं, शंभु के प्रिय पुत्र। हमारी कामनाओं को पूर्ण करें, हम आपके बलिहारी हैं।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अर्थ: जय हो गणेश जी, जय हो! आप देवों के देवता हैं। आपकी माता पार्वती और पिता महादेव हैं।
गणेश आरती हिंदी में देखें | श्री जय गणेश आरती के बोल हिंदी में सुनें | Ganesh Aarti with Lyrics By Anuradha Paudwal

श्री गणेश आरती पर 10 सामान्य प्रश्न (FAQs)
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श्री गणेश आरती क्या है?
श्री गणेश आरती भगवान गणेश की स्तुति और पूजन के लिए गाई जाने वाली एक प्रार्थना है, जो उनके भक्तों द्वारा की जाती है।
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श्री गणेश आरती का महत्व क्या है?
श्री गणेश आरती करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो विघ्नों का नाश करता है और सुख-समृद्धि लाता है।
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गणेश आरती के शब्द क्या हैं?
गणेश आरती के शब्द भगवान श्री गणेश की स्तुति व आराधना के लिए गाए जाने वाले पवित्र भजनात्मक शब्द हैं।
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श्री गणेश आरती करने के क्या लाभ हैं?
श्री गणेश आरती करने से मानसिक शांति, बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि, और जीवन में समृद्धि प्राप्त होती है। यह विघ्नों को दूर करने में सहायक होती है।
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श्री गणेश आरती कैसे की जाती है?
श्री गणेश आरती करने के लिए दीपक, अगरबत्ती और पुष्पों के साथ भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने आरती गाई जाती है।
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क्या श्री गणेश आरती केवल गणेश चतुर्थी पर की जा सकती है?
नहीं, श्री गणेश आरती किसी भी दिन की जा सकती है, विशेष रूप से प्रत्येक मंगलवार और चतुर्थी के दिन करना अधिक शुभ माना जाता है।
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श्री गणेश आरती के दौरान कौन-कौन से मंत्र बोले जाते हैं?
श्री गणेश आरती के दौरान “जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा” जैसे मंत्र बोले जाते हैं, जो भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करते हैं।
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गणेश आरती के शब्द और भजन में क्या अंतर है?
आरती विशेष रूप से पूजा और दीप प्रज्वलन के समय गाई जाती है, जबकि भजन किसी भी समय गाए जा सकते हैं।
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क्या गणेश आरती करने से सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है?
हां, गणेश आरती करने से मानसिक और भौतिक समस्याओं का समाधान प्राप्त हो सकता है, क्योंकि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है।
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क्या गणेश आरती के शब्द गाने के लिए संगीत की आवश्यकता होती है?
जरूरी नहीं, भक्त अपनी भक्ति भावना से बिना वाद्ययंत्र के भी गा सकते हैं।
